मिथक: मीठे फल पूरी तरह से वर्जित हैं।
तथ्य: प्राकृतिक चीनी (फ्रुक्टोज) प्रोसेस्ड चीनी से अलग है। जब इसे फाइबर के साथ लिया जाता है, तो यह शरीर के लिए एक सुरक्षित ऊर्जा स्रोत हो सकता है, बशर्ते मात्रा नियंत्रित हो।
जानें कि कैसे सही आहार चयन और प्रकृति की मिठास आपके दैनिक जीवन में ऊर्जा और संतुलन ला सकती है। एक जागरूक जीवन शैली की ओर पहला कदम।
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अक्सर यह गलत धारणा होती है कि मिठास को जीवन से पूरी तरह हटा देना चाहिए। पोषण विज्ञान सुझाव देता है कि यह 'बहिष्कार' के बारे में नहीं, बल्कि 'चयन' के बारे में है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) यह मापने का एक तरीका है कि भोजन हमारे शरीर की ऊर्जा प्रणाली को कैसे प्रभावित करता है।
कम GI वाले खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे ऊर्जा का स्तर स्थिर रहता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो अपने चयापचय (metabolism) और वजन को प्रबंधित करने का लक्ष्य रखते हैं। प्रकृति ने हमें ऐसे कई विकल्प दिए हैं जो स्वाद और स्वास्थ्य दोनों में धनी हैं।
ये फल फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट के उत्कृष्ट स्रोत हैं
भारतीय ग्रीष्मकाल का यह उपहार पारंपरिक रूप से कल्याण के लिए उपयोग किया जाता है। इसका कसैला स्वाद और गहरा बैंगनी रंग एंथोसायनिन की उपस्थिति को दर्शाता है। यह पाचन को सुचारू रखने में सहायक हो सकता है।
अमरूद में संतरे से भी अधिक विटामिन C होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें उच्च मात्रा में आहार फाइबर होता है, जो भोजन के बाद तुष्टि (satiety) की भावना को बढ़ावा देता है और पाचन प्रक्रिया को संतुलित करता है।
कच्चा या पका हुआ पपीता एंटीऑक्सीडेंट कैरोटीनॉयड से भरपूर होता है। संतुलित मात्रा में इसका सेवन करने से शरीर को आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व मिलते हैं बिना अत्यधिक कैलोरी के भार के।
कोशिश करें कि नाशपाती को छिलके के साथ खाएं। इसका छिलका फाइबर का भंडार है। यह कुरकुरा फल एक बेहतरीन स्नैक विकल्प है जो लंबे समय तक भूख को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है।
पेक्टिन नामक घुलनशील फाइबर सेब में पाया जाता है। यह आंतों के स्वास्थ्य के लिए उत्कृष्ट है और समग्र चयापचय संतुलन बनाए रखने में एक सहायक भूमिका निभाता है।
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन भी खट्टे फलों को "सुपरफूड" मानता है। जूस के बजाय पूरा फल खाना फाइबर सुनिश्चित करता है, जो चीनी के अवशोषण को विनियमित करने में मदद करता है।
यद्यपि यह एक विदेशी मूल का फल है, लेकिन अब भारत में व्यापक रूप से उपलब्ध है। इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है और यह विटामिन K और पोटेशियम का एक पावरहाउस है।
केवल "क्या" खाना है यह महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि "कैसे" खाना है, यह भी उतना ही मायने रखता है। यहाँ कुछ विशेषज्ञ समर्थित आदतें हैं:
"मैंने अपने शाम के नाश्ते में बिस्कुट की जगह अमरूद और नट्स को शामिल किया। यह न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि मुझे रात के खाने तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है।"
"प्रकृति के पास हर समस्या का समाधान है। मौसमी फल खाने से मुझे हल्कापन महसूस होता है और मेरी जीवनशैली अधिक सक्रिय हो गई है।"
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